Saturday, September 18, 2021

मुख्यमंत्री ने 14 जिलों में हुए आंगनवाड़ी मानदेय घोटाले की रिपोर्ट मंगवाई

  Anonymous       Saturday, September 18, 2021


 भोपाल: मध्य प्रदेश के 14 जिलों में हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय घोटाले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है। 8 अधिकारियों और दो बाबुओं को सस्पेंड किया गया था लेकिन उसके बाद डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पूरी नहीं की गई। मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोटाले की जांच रिपोर्ट तलब की है।

8 अधिकारी और 2 बाबू सस्पेंड, लेकिन जांच पूरी नहीं की जा रही

मुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं के मानदेय घोटाला संज्ञान में लिया और विभाग के अधिकारियों से घोटाले से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। तीन साल पहले खुले इस मामले में विभाग के आला अधिकारी अब तक जांच पूरी नहीं कर पाए हैं। बल्कि जिन परियोजना अधिकारियों को राजधानी की आठ बाल विकास परियोजनाओं में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार पाया गया है। उनसे विभाग के आला अधिकारियों को सहानुभूति रही है। करीब डेढ़ साल पहले इन अधिकारियों को बहाल करने की तैयारी थी। मामले में आठों अधिकारी एवं दो लिपिक निलंबित हैं।

मानदेय के नाम पर रकम निकालकर दोस्तों के बैंक खातों में जमा कराते थे

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं का मानदेय बाल विकास परियोजनाओं से आहरित करने पर रोक लगाई गई है। मानदेय की जिम्मेदारी जिला परियोजना अधिकारी को सौंपी थी। फिर भी ये अधिकारी ग्लोबल बजट से राशि निकालते रहे और दस्तावेजों में कार्यकर्ता-सहायिकाओं को मानदेय का भुगतान बताते रहे। जबकि मानदेय का भुगतान जिला कार्यालय से किया जा रहा था। आरोपित ये राशि चपरासी, कंप्यूटर ऑपरेटर और दोस्तों के बैंक खातों में जमा करा रहे थे। जिनसे वे बाद में लेते थे। इसके लिए राशि से कुछ फीसद उन्हें भी दिया जाता था।

चार अधिकारियों की जांच पूरी

राजधानी में मानदेय घोटाले में फंसे आठ बाल विकास परियोजना अधिकारियों में से चार राहुल चंदेल, कीर्ति अग्रवाल, सुमेधा त्रिपाठी और कृष्णा बैरागी की जांच पूरी हो गई है। जबकि अर्चना भटनागर और लिपिक दिलीप जेठानी एवं बीना भदौरिया की जांच अभी चल रही है।

एफआइआर कराई, तो विभागीय जांच न हो

घोटाले में शामिल बाल विकास परियोजना अधिकारी मीना मिंज, बबीता मेहरा और नईम खान के मामलों की जांच अभी अधूरी है। दरअसल, संबंधितों ने हाई कोर्ट से स्थगन लिया है। उनका तर्क है कि मामले में उनके खिलाफ एफआइआर या विभागीय कार्रवाई दोनों में से कोई एक कार्रवाई की जाए।

logoblog

Thanks for reading मुख्यमंत्री ने 14 जिलों में हुए आंगनवाड़ी मानदेय घोटाले की रिपोर्ट मंगवाई

Previous
« Prev Post

No comments:

Post a Comment