नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान में जनभागीदारी की तारीफ की। पीएम ने खासतौर पर इंदौर की तारीफ की और बताया कि किस तरह जनता के साझा प्रयास से यह शहर आज लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है। बकौल पीएम मोदी, हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।
यह कार्यक्रम दिल्ली के डॉ. आम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुआ। इन अभियानों का उद्देश्य सभी शहरों को कचरा मुक्ता बनाना और जल संरक्षण को महत्व देना है। इस कार्यक्रम में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी शामिल हुए। बता दें, प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभालने के बाद से स्वच्छता अभियान पर नरेंद्र मोदी का खासा फोकस रहा है।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है Garbage-Free शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना।
मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य है- ‘सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को Water secure cities’ बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे। स्वच्छ भारत अभियान और अमृत मिशन की अब तक की यात्रा वाकई हर देशवासी को गर्व से भर देने वाली है। इसमें मिशन भी है, मान भी है, मर्यादा भी है, एक देश की महत्वाकांक्षा भी है और मातृभूमि के लिए अप्रतिम प्रेम भी है।
बाबा साहेब, असमानता दूर करने का बहुत बड़ा माध्यम शहरी विकास को मानते थे। बेहतर जीवन की आकांक्षा में गांवों से बहुत से लोग शहरों की तरफ आते हैं। हम जानते हैं कि उन्हें रोजगार तो मिल जाता है लेकिन उनका जीवन स्तर गांवों से भी मुश्किल स्थिति में रहता है। ये उन पर एक तरह से दोहरी मार की तरह होता है। एक तो घर से दूर, और ऊपर से ऐसी स्थिति में रहना।
इस हालात को बदलने पर, इस असमानता को दूर करने पर बाबा साहेब का बड़ा जोर था। स्वच्छ भारत मिशन और मिशन अमृत का अगला चरण, बाबा साहेब के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है।

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