भोपाल । नवदुनिया ज्योतिर्मय सम्मान समारोह में सोमवार को मुख्य अतिथि गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने 22 गुरुजनों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान हमेशा सर्वोपरि रहा है। हर किसी के घर में गुरु की तस्वीर जरूर दिखाई देती है लेकिन किसी उद्योगपति की नहीं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुरु का स्थान सर्वोपरि है। नवदुनिया ने लगातार पांच साल से ज्योतिर्मय सम्मान कार्यक्रम करके बहुत ही अच्छी पहल की है। यह सम्मान समारोह सैर-सपाटा के पास स्थित सयाजी होटल में आयोजित हुआ।
कोरोना काल में स्कूल नहीं खुल पाए लेकिन बच्चों की शिक्षण व्यवस्था शिक्षकों के कारण ही सुचारू रूप से संचालित होती रही। कई शिक्षकों ने मोहल्ला क्लास लगाकर और घर-घर जाकर पढ़ाई कराई। अब स्कूल खुल गए हैं, पर बच्चों की उपस्थिति बहुत कम है। इसके बाद भी शिक्षक आनलाइन व आफलाइन मोड से पढ़ाई कराकर अपनी पूरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। शिक्षकों के कारण ही विद्यार्थियों के अंदर व्यवहारिकता के साथ-साथ संस्कार के गुण विकसित होते हैं। गुरुजनों के इन्हीं प्रयासों की सराहना करने के लिए सोमवार को नवदुनिया ज्योतिर्मय सम्मान समारोह आयोजित किया है। कार्यक्रम में शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा जगत से जुड़े संस्थान के उच्च पदों पर आसीन अधिकारी भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में नईदुनिया के राज्य संपादक सद्गुरु शरण अवस्थी, नईदुनिया के आपरेशन हेड नरेश पांडे, स्थानीय संपादक नवदुनिया भोपाल संजय मिश्र, यूनिट हैड मानवेंद्र द्विवेदी, राज्य ब्यूरो धनंजय प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक सम्मानित
शिक्षा में उत्कृष्टता की दिशा और सेवा कार्यों के लिए नवदुनिया का यह प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान शिक्षा जगत में सराहनीय है। अपने ज्ञान से शिष्यों का भविष्य संवारने वाले और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शहर के चुनिंदा शिक्षकों को नवदुनिया ज्योतिर्मय सम्मान दिया गया है।
No comments:
Post a Comment