Saturday, November 20, 2021

स्वच्छता में 5वीं बार इंदौर रहा नंबर वन

  Anonymous       Saturday, November 20, 2021

न्यू दिल्ली : विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में इंदौर को लगातार पांचवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। केंद्र सरकार के घोषित ‘सफाई मित्र चैलेंज’ अवॉर्ड भी इंदौर को मिला है।


पांच सितारा श्रेणी के पुरस्कार सहित इंदौर को तीन अवॉर्ड मिले। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विज्ञान भवन में इंदौर को नंबर वन शहर, 12 करोड़ का सफाई मित्र अवॉर्ड और 5 स्टार रेटिंग अवाॅर्ड दिए।

बीते चार साल से इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर रहा है। चारों बार स्वच्छता के मामले में इंदौर ने देश में नंबर वन का अवॉर्ड अपने नाम किया। शहर की इस उपलब्धि के पीछे नगर निगम और सफाई मित्रों की मेहनत मानी जा रही है। इस बार इंदौर को तीन अवॉर्ड मिले। स्वच्छता में न केवल नंबर-वन अवॉर्ड दिया गया।

साथ ही ‘सफाई मित्र चैलेंज अवार्ड’ और ‘फाइव स्टार कैटेगरी अवॉर्ड भी इंदौर के खाते में आया। केंद्र के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा हर साल सात सितारा रैंकिंग दी जाती है। लेकिन, इस बार पांच सितारे दिए गए। ‘सफाई मित्र चैलेंज’ अवॉर्ड के तहत 12 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।


नगर निगम को 45 करोड़ रुपए कचरा प्रबंधन के लिए जनता दे रही है। 137 किमी नदी-नालों की सफाई पर 343 करोड़ खर्च किए गए हैं। 1200 टन कचरे का रोज निपटान कर रहा है। शहर की व्यवस्था 11364 सफाई मित्रों के हवाले है। इंदौर जब इस मुकाबले में उतरा तो पहली बार निगम के 160 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। जबकि, अब 50 करोड़ सालाना खर्च हो रहे हैं।


यहां हारा नहीं कोई सबकी हुई है जीत,दो कदम आगे बढ़ने एक कदम पीछे लेने की है रीति


पहली बार में कचरा वाहन खरीदने, ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण कचरा प्रबंधन पर 160 करोड़ खर्च हुए थे। लेकिन, अब यह खर्च सालभर में 50 करोड़ हो रहा है। शहर में कचरा प्रबंधन की वसूली ही 45 करोड़ के करीब होती है। गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, जो जर्मनी में भी नहीं होता।

तीन साल में 100 करोड़ पार

कचरे से अभी इंदौर नगर निगम 20 करोड़ रुपए साल कमा रहा है। इसमें कार्बन क्रेडिट, सीएनजी, कम्पोस्ट खाद, सीएनडी वेस्ट व सूखे कचरे से हो रही आमदनी शामिल है। जानकारों का मानना है कि जिस तेजी के साथ इंदौर कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है, तीन साल में कचरे से कमाई 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी।

इसलिए दावा मजबूत

पिछले एक साल के दौरान इंदौर में ऐसे कई काम किए, जिन्हें करने में दूसरे जिले कमजोर रहे। नगर निगम ने सीवरेज के पानी को ट्रीट करके बगीचों और फव्वारों के अलावा खेतों में भी इसका उपयोग किया। नदियों में आउट फाल रोका गया, जिससे अब नदियों में साफ पानी बहने लगा। गीले कचरे का सम्पूर्ण निष्पादन कर उससे खाद और CNG बनाने की तैयारी की गई। नालों को सुखाकर उनकी गंदगी दूर की।

नदी की सूरत बदलने से शहर की सेहत भी बदल गई है। नदी किनारे रहने वाले लोगों में पानी से जुड़ी बीमारियों के मामलों में जबरदस्त गिरावट आई है। चंदननगर, विराटनगर, आजादनगर, मूसाखेड़ी और पीलियाखाल के डॉक्टर्स, संजीवनी केंद्र, सिविल डिस्पेंसरी पर की गई पड़ताल में खुलासा हुआ कि इन इलाकों में गंदे पानी से होने वाली बीमारियों में 80% तक की कमी आई।

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