Thursday, November 25, 2021

ग्वालियर में प्रांतीय संघसंचालक ने कहा-जीवन के संस्कारों में संगीत का विशेष महत्व, घाेष वादकाें का पथ संचलन कल निकलेगा

  Anonymous       Thursday, November 25, 2021

 ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्यभारत प्रांत के चार दिवसीय घोष शिविर स्वर साधक संगम का शुभारंभ सरस्वती शिशु मंदिर केदारधाम परिसर शिवपुरी लिंक राेड पर हुआ। इस दाैरान ऐतिहासिक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हुआ। इस अवसर पर मध्य भारत प्रांत के संघसंचालक अशोक पांडे, प्रांत सहकार्यवाहक हेमंत सेठिया व प्रांत प्रचार प्रमुख ओमप्रकाश सिसौदिया ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि जीवन के संस्कारों में संगीत का विशेष महत्व है। आरएसएस ने इसे संगठन गढ़ने का मूलमंत्र माना है। स्वयं सेवकों के कदम से कदम मिलाकर चलने की प्रेरणा घोष द्वारा दी जाती है। 26 नवंबर काे शिविर के घोष वादकों का पथ संचलन शहर में होगा। पथ संचलन रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से प्रारंभ होकर जीवायएमसी मैदान में समाप्त होगा। घोष शिविर में 28 नवंबर को सरसंघसंचालक डा. मोहन भागवत का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।


प्रांत संघसंचालक अशोक पांडे ने बताया कि संघ में घोष की यात्रा 1927 से प्रारंभ हुई। शुरुआत में शंख, बंसी और आनक जैसे मूल वाद्यों पर वादन शुरू हुआ। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा अपने अथक प्रयासों से शास्त्रीय रागों के आधार पर रचनाओं का निमार्ण किया गया आज लगभग साठ से अधिक रचनाओं का वादन संघ में हो रहा है। उन्होंने बताया कि 1982 के एशियार्ड खेलों में शिवराज भूप रचना का वादन हुआ था। जिसका निर्माण संघ के कार्यकर्ताओं ने किया है। मध्यभारत प्रांत में घोष का इतिहास बहुत पुराना है। वर्तमान में अनेक कार्यकर्ता घोष के विविध वाद्यों का वादन कुशलतापूर्वक कर रहे हैं। मध्यभारत प्रांत में घोष के अच्छे वादक तैयार हों, इस निमित्त से स्वर साधक संगम घोष शिविर यहां आयोजित किया गया है।

डा मोहन भागवत का मार्गदर्शन शनिवार कोः 28 नवंबर को शिविर स्थल केदारधाम में प्रात्यक्षिक शाम 4.30 बजे होगा, जिसमें घोष वादकों द्वारा व्यूह रचनाओं के माध्यम से उत्कृष्ठ वादन किया जाएगा। कार्यक्रम के अंत में सरसंघचालक डा मोहन भागवत का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा में ग्वालियर पुलिस के जवान व राजपत्रित अफसर तैनात रहेंगे। साथ ही एसपी अमित सांघी ने पीएचक्यू भोपाल से दो एसएएफ की कंपनियों की मांग की है। यह दो कंपनियां गुरुवार शाम तक ग्वालियर पहुंच जाएंगी। एसपी का कहना है कि संघ प्रमुख जहां ठहरेंगे, वहां पर राजपत्रित अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है। शहर की सुरक्षा व्यवस्था चौकन्नी कर दी गई है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। संघ प्रमुख का जहां-जहां पर आना जाना रहेगा, वहां पर राजपत्रित अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

प्रदर्शनी में चार श्रेणियांः ऐतिहासिक प्रदर्शनी में चार श्रेणियां होंगी, जिसमें परम्परागत एवं प्राचीन वाद्य यंत्रों का प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शन किया गया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी में घोष की इतिहास यात्रा को एलईडी के माध्यम से डिजिटल प्रदर्शन भी किया गया। यह प्रदर्शनी 28 नवंबर तक चलेगी, जो आमजन के लिए खुली रहेगी। चार दिन तक चलने वाले इस शिविर का समापन 28 नवंबर को होगा।

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