नई दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की एक दिन पहले विमोचन की गई किताब में हिन्दुत्व को लेकर जो कुछ कहा गया है, उस पर भारी विवाद पैदा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने इस किताब में हिन्दुत्व की तुलना आतंकी संगठन बोको हरम और आईएसआईएस से करने पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि भारत की आत्मा को भी ठेस पहुंचाती है.
बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस मामले पर कहा कि सोनिया गांधी को चुप्पी तोड़नी होगी और इस पर अपना विचार साफ करना होगा. उन्होंने आगे कहा कि सवाल उठता है कि ये सोच शशि थरूर की है, या मणिशंकर अय्यर की है. क्या प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की गलियों में जाकर इसे कहने की हिम्मत करेंगी. उन्होंने कहा कि ये तुलना उन 100 हिंदुओ से की गई है जो आजादी से पहले और आजादी के बाद सहिष्णुता का परिचय दिया है. सोनिया राहुल गांधी के इशारे पर हिंदुओं का अपमान है. चुनाव आते ही राहुल और प्रियंका इच्छाधारी हिन्दू बन जाते है.
खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस से शिकायत
इधर, सलमान खुर्शीद के खिलाफ दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई है. उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने हिन्दुत्व की आतंकवाद से तुलना कर उसे बदनाम करने की कोशिश की है. खुर्शीद की किताब सनराइज ओवर अयोध्या में टिप्पणी के खिलाफ यह शिकायत दर्ज कराई गई है. विवेक गर्ग नाम के दिल्ली के वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से शिकायत करते हुए केस दर्ज करने का अनुरोध किया है.
किताब में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि हिंदुत्व साधु-सन्तों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से आईएसआईएस और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है. इसकी वजह पूछे जाने पर सलमान ने कहा, "हिन्दू धर्म बहुत उच्च स्तर का धर्म है. इसके लिए गांधी जी ने जो प्रेरणा दी उससे से बढ़कर कोई प्रेरणा नहीं हो सकती है. कोई नया लेबल लगा ले तो उसे मैं क्यों मानूं? कोई हिन्दू धर्म का अपमान करे तो भी मैं बोलूंगा. मैंने ये कहा कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाले गलत हैं और आईएसआईएस भी गलत है."
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले और अपनी किताब को लेकर सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘’अयोध्या विवाद को लेकर समाज में बंटवारे की स्थिति थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसका समाधान निकाला. कोर्ट के फैसले ने काफी दूर तक देखने की कोशिश की है. ऐसा फैसला है जिससे ये ना लगे कि हम हारे, तुम जीते.’’ बीजेपी सरकार की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘’ऐसा एलान तो नहीं हुआ कि "हम जीत गए" लेकिन कभी-कभी ऐसे संकेत दिए जाते हैं. सबको जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए. फिलहाल अयोध्या के उत्सव में ऐसा लगता है कि एक ही पार्टी का उत्सव है.’’
खुर्शीद की किताब पर भारी विवाद
किताब में सलमान खुर्शीद लिखते हैं "बेशक, हिंदुत्व के समर्थक इसे इतिहास में अपने गौरव को उचित मान्यता मिलने के तौर पर देखेंगे. न्याय के संदर्भ सहित जीवन कई खामियों से भरा है, लेकिन हमें आगे बढ़ने के लिए इसके साथ समायोजन करने की जरूरत है. यह किताब एक विवेकपूर्ण फैसले में आशा को देखने की कोशिश है, फिर भले ही कुछ लोगों को यह लगता हो कि फैसला पूरी तरह उचित नहीं था." किताब पर बात करते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि समाज में एकता आएगी तो मानूंगा कि किताब लिखने का फैसला कामयाब रहा.
देश में हिंदुत्ववादी राजनीति के प्रभाव की चर्चा करते हुए सलमान खुर्शीद लिखते हैं, "मेरी अपनी पार्टी, कांग्रेस में, चर्चा अक्सर इस मुद्दे की तरफ मुड़ जाती है. कांग्रेस में एक ऐसा तबका है, जिन्हें इस बात पर पछतावा है कि हमारी छवि अल्पसंख्यक समर्थक पार्टी की है. यह तबका हमारी लीडरशीप की जनेऊधारी पहचान की वकालत करता है. इन्होंने अयोध्या पर आए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह घोषणा कर दी कि अब इस स्थल पर भव्य मंदिर बनाया जाना चाहिए. इस रुख ने निश्चित तौर पर सर्वोच्च न्यायलय की ओर से दिए गए आदेश के उस हिस्से की अनदेखी की, जिसमें मस्जिद के लिए भी जमीन देने का निर्देश दिया गया था."
इसको लेकर जब सलमान खुर्शीद से सवाल किया गया तो उन्होंने नहीं बताया कि उनका निशाना किन नेताओं की तरफ है, लेकिन कहा कि कुछ नेताओं ने अपनी समझ और निजी आस्था से ऐसा कहा होगा. हमें वो कहना चाहिए जो राहुल गांधी कहते हैं, वो नहीं जो कुछ लोगों ने कह दिया.
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