तमाम राजनीतिक दलों से उत्तर प्रदेश के 50 फीसदी से ज्यादा चुने गए विधायक हैं प्लेटफॉर्म पर सक्रिय
मुख्यमंत्री कार्यालय, यूपी पर्यटन, प्रेस इंफ़ॉरमेशन ब्यूरो, पुलिस समेत प्रदेश के तमाम विभाग लोगों तक जानकारी पहुँचाने के लिए कर रहे हैं Koo
हिंदी प्रदेश की जनता से जुड़ने के लिए Koo App का जमकर हो रहा है इस्तेमाल
लखनऊ, नवंबर 2021: इंडियन माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Koo App, उत्तर प्रदेश में काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. प्रदेश के 250 से ज्यादा विधायकों और लगभग 41 सांसदों ने जनता से सीधा संवाद करने के लिए इस सोशल मीडिया ऐप को चुना है. (UP MLAs on Koo) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ तो पहले से ही इस ऐप पर काफी सक्रिय हैं और सभी जानकारियां साझा करते रहते हैं. अब इस प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश के मौजूदा आधे से ज्यादा विधायक भी जुड़ गए हैं. हिंदी भाषी यूजर्स की बहुलता वाले इस ऐप पर उत्तर प्रदेश के लोग भारी संख्या में हैं जिसकी वजह से ये इंडियन ऐप (Indian App Koo) उत्तर प्रदेश के नेताओं की भी पहली पसंद बनता जा रहा है. इतने भारी संख्या में विधायकों का Koo App ज्वाइन करना ये साफ करता है कि इस बार गेम चेंजर साबित होगा (Koo is game changer for upcoming elections 2022).
भारत में बना यह प्लेटफॉर्म लोगों को अपनी मातृभाषा में खुद को अभिव्यक्त करने और एक-दूसरे के साथ ऑनलाइन बातचीत करने में सक्षम बनाता है। Koo App पर हिंदी एक प्रमुख भाषा के रूप में मौजूद है और प्लेटफॉर्म के 1.50 करोड़ यूजर्स में से 50 प्रतिशत से अधिक हिंदी में एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं।
वर्तमान में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश की प्रमुख हस्तियों द्वारा अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। इनमें सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ; उपमुख्यमंत्री और फूलपुर विधानसभा से विधायक केशव प्रसाद मौर्य; लखनऊ से विधायक और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा; कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही; इलाहाबाद दक्षिण से विधायक और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' और चित्रकूट से भाजपा विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय भी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रयागराज से सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री और अमेठी लोकसभा क्षेत्र से सांसद स्मृति जुबिन ईरानी; भारत सरकार की वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, मिर्जापुर से सांसद सुब्रत पाठक; कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी और जौनपुर लोकसभा से सांसद श्याम सिंह यादव के Koo App पर सक्रिय हैंडल हैं।
इसके अलावा, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी; देवरिया से बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा; वाराणसी से आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद; आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह; इटावा से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष शिवपाल यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के गाजीपुर विधायक ओम प्रकाश राजभर इस मंच पर सक्रिय हैं। समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), आजाद समाज पार्ट, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के अलावा एआईएमआईएम उत्तर प्रदेश और पीस पार्टी जैसे राजनीतिक दलों के भी Koo App पर आधिकारिक अकाउंट हैं।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, उत्तर प्रदेश पर्यटन, संस्कृति विभाग, प्रेस इंफ़ॉरमेशन ब्यूरो समेत कई विभाग इस मंच पर आकर जनता के साथ संवाद स्थापित करने में सक्रिय हैं। Koo App पर इनकी मौजूदगी से प्रदेश के लोगों के साथ जानकारी और दिलचस्पी भरी सूचनाएं नियमित रूप से साझा किए जाने के साथ ही उनसे चर्चा की जाती है।
Koo App पर हिंदी सबसे प्रमुख भाषा के रूप में सामने आई है। इस वर्ष सितंबर में हिंदी दिवस के साथ ही भारत में हिंदी की प्रसिद्धि और समृद्धि को मनाने के लिए #KooHindiFest2021 की पहल की गई थी। एक सप्ताह तक चलने वाले इस हिंदी महोत्सव को मशहूर गायक पलाश सेन ने लॉन्च किया था। इसके अंतर्गत कई सांस्कृतिक गतिविधियाँ, कार्यशालाएँ और मनोरंजक प्रतियोगियाओं का आयोजन किया गया। इन सभी ने मिलकर सोशल मीडिया पर हिंदी को एक मजबूत स्तंभ के रूप में पेश किया और देशभर के 10 राज्यों के छह लाख से भी ज़्यादा यूज़र्स ने इसमें जमकर हिस्सेदारी की।
Koo के बारे में:
Koo की स्थापना मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी और अब इसके डेढ़ करोड़ से ज्यादा यूज़र्स हो गए हैं। इनमें काफी प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों के लोग, तमाम भारतीय भाषाओं में मौजूद इस मंच के जरिये मातृभाषा में अपनी अभिव्यक्ति कर सकते हैं। एक ऐसे देश में जहां भारत के सिर्फ 10% लोग अंग्रेजी बोलते हैं, एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की बेहद जरूरत है जो भारतीय यूज़र्स को भाषा का व्यापक अनुभव दे सके और उन्हें जोड़ने में मदद कर सके। Koo भारतीय भाषाओं को पसंद करने वाले लोगों की आवाज़ के लिए एक मंच प्रदान करता है।
No comments:
Post a Comment