भोपाल। उत्तर प्रदेश में अगले तीन महीने में संभावित विधान सभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य से लगने वाली सीमा पर उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में कुल 49 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनके लिए मध्य प्रदेश के हर जिले से दो ऐसे कार्यकर्ताओं का चयन किया जा रहा है, जिनका वहां कहीं प्रभाव या अच्छा संपर्क हो। फिलहाल यह कार्यकर्ता वहां संगठनात्मक कार्यों में मदद के साथ चुनावी जमावट को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे।
उत्तर प्रदेश के लिए यह प्रारंभिक तैनाती है, इसके बाद वरिष्ठ नेताओं को भी भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में 50 से ज्यादा सीटों के प्रभारी नरोत्तम मिश्रा थे, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी भेजा गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे और उन्हें पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया था। सिंधिया अब भाजपा में है और केंद्रीय मंत्री भी हैं। पार्टी उन्हें युवा चेहरे के रूप में उत्तर प्रदेश भेज सकती है।भाजपा विधानसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों से उन कार्यकर्ताओं को पहले ही बुला लेती है, जिन्हें कई राज्यों में चुनाव के दौरान सांगठनिक कार्यों का लंबा अनुभव हो। इन जमीनी कार्यकर्ताओं को विधानसभा क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थिति के अनुसार रणनीति बनाने में महारत होती है।
मध्य प्रदेश चूंकि उत्तर प्रदेश का पड़ोसी राज्य है, इसलिए इसकी सीमा पर आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में उन कार्यकर्ताओं की पहले ही सूची तैयार की जा रही है, जिनके संपर्क इन क्षेत्रों में हैं। इन 49 सीटों में से कई पर 2017 में भाजपा को करीबी मुकाबले में जीत हासिल हुई है, वहीं जातिगत समीकरण भी ऐसे हैं कि मामूली हेरफेर में भी कई सीटों पर संभावनाएं बिगड़ सकती हैं।
ऊपर से बिखरा हुआ कुछ विपक्ष भाजपा के खिलाफ अंदरुनी तौर पर एकजुट है। ऐसे में संगठन की तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा सकती। दोनों राज्यों के बीच बुंदेलखंड क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का भी खासा प्रभाव है। वह दोनों राज्यों से लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। उनके प्रभाव को देखते हुए उमा भारती के करीबी और समर्थकों को भी उत्तर प्रदेश के इन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर चंबल से भी कई कार्यकर्ताओं को भेजने की तैयारी है। कांग्रेस में रहते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी जमीनी पकड़ देखते हुए भाजपा भी बतौर युवा चेहरा उत्तर प्रदेश भेजेगी।
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