भोपाल। मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण पर अब निर्णय हाईकोर्ट, जबलपुर करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है। इस पर सुनवाई गुरुवार को होगी। इसके लिए नए सिरे से अपील दायर करनी होगी।
कांग्रेस के सैयद जाफर और जया ठाकुर ने त्रिस्तरीय पंचायत (जिला, जनपद और ग्राम पंचायत) का चुनाव 2014 के आरक्षण से कराने के विरुद्ध दायर याचिका की थी। याचिकाकर्ता जाफर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले को सुना और कहा कि एक विषय को दो न्यायालय द्वारा नहीं सुना जा सकता है।
इसे हाईकोर्ट ने देख लिया है, इसलिए आप मप्र पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश 2021 को हाईकोर्ट में चुनौती दीजिए। इस मामले में तत्काल सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के बाद हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर ली गई है। बीस दिसंबर तक नामांकन पत्र स्वीकार किए जाएंगे। इस याचिका में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता सैयद जाफर ने अध्यादेश को चुनौती देते हुए कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। संविधान में हर पांच साल के बाद आरक्षण नए सिरे से किए जाने का प्रविधान है। जबकि अध्यादेश के माध्यम से 2014 के आरक्षण को आधार मानकर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी की गई है।
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