Monday, December 20, 2021

ओबीसी आरक्षण को लेकर मध्‍य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को होगी बहस

  Anonymous       Monday, December 20, 2021

 भोपाल। विधानसभा में मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को लेकर बहस होगी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कार्य मंत्रणा समिति में सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच इस पर सहमति बन गई है। उधर, कांग्रेस विधायक दल की ओर से चक्रानुक्रम आधार पर चुनाव न कराने, परिसीमन निरस्त करने और ओबीसी आरक्षण को लेकर स्थगन सूचना दी गई है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य में परिवर्तित करने के आदेश दिए हैं। इसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने पहले और दूसरे चरण के चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य पद की चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

उधर, ओबीसी का आरक्षण पंचायत और नगरीय निकाय में समाप्त किए जाने को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है तो कांग्रेस इसे भाजपा सरकार का सुनियोजित षड्यंत्र करार दे रही है। इसके लिए कांग्रेस विधायक दल ने राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया है।

वहीं, विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने को उठाने की तैयारी की है। दल के सदस्यों की ओर से स्थगन सूचना भी दी गई हैं। कार्य मंत्रणा समिति में भी नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ और मुख्य सचेतक डा.गोविंद सिंह ने इस विषय पर सदन में चर्चा कराने की मांग रखी थी। सत्ता पक्ष ने भी इस पर सहमति दी और तय हुआ कि सदन में चर्चा कराई जाएगी।

भाजपा को जनता कभी माफ नहीं करेगी : कमल नाथ

विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा कराते हुए नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर जो स्थिति पैदा हुई है, उसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। न तो सरकार और न ही राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में कोई पक्ष रखा। इसके लिए प्रदेश की जनता कभी भाजपा सरकार को माफ नहीं करेगी।

बड़ी आबादी की पीठ में कांग्रेस ने छुरा घोंपा है : डा.नरोत्तम मिश्रा

संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस ने बड़ी आबादी की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। अदालत में कांग्रेस के प्रवक्ता और सांसद गए थे। अब बताएं कि क्यों गए थे। उन्हें जनता की अदालत में जाना चाहिए था। लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी होती है। अब कांग्रेस के नेता सफाई दे रहे हैं पर कुछ नहीं होगा। खेद व्यक्त करें और जनता से माफी मांगें।

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा की ओर से दिए दस करोड़ रुपये के मानहानि के नोटिस पर कहा कि दस करोड़ रुपये तो मिल जाएंगे पर जिन करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय हुआ है, उनका क्या होगा।


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