भोपाल।। अवैध खनन, मिलावटी शराब, नकली दवाओं का व्यापार, मानव तस्करी, ड्रग्स, अवैध हथियार का निर्माण और व्यापार, जैसे संगठित अपराधों पर सख्ती के साथ अंकुश लगाने के लिए सरकार जल्द ही नया कानून लागू करेगी। इसके लिए गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश के अधिनियम के आधार पर मध्य प्रदेश गिरोहबंदी और समाज विरोधी कार्यकलाप (निवारण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। विधि विभाग से कानूनी पहलूओं का परीक्षण भी करा लिया गया है।
इसमें पुलिस को आरोपित से पूछताछ के लिए रिमांड की अवधि दो माह तक मिल सकेगी। कलेक्टरों को यह अधिकार होंगे कि वे आरोपितों की संपत्ति की जांच कर सकेंगे। यदि घोषित स्रोत से अधिक संपत्ति होना प्रमाणित होता है तो उसे राजसात किया जा सकेगा।गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अधिनियम के दायरे में वे सभी अपराध शामिल किए जाएंगे, जिसमें एक से अधिक व्यक्ति की भूमिका होती है। उत्तर प्रदेश के अधिनियम का अध्ययन करने के बाद प्रदेश की परिस्थितियों को देखते हुए प्रारूप तैयार किया गया है। इसमें अवैध खनन, ड्रग्स, मानव तस्करी, नकली दवाओं का व्यापार, मिलावटी शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को पूछताछ करने के लिए अधिक समय मिलेगा और इस अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों पर न्यायालय में अलग से सुनवाई की व्यवस्था रहेगा ताकि निर्णय जल्द से जल्द हो सके। गवाहों को सुरक्षा देने का प्रविधान भी रहेगा ताकि वे निर्भीक होकर अपनी बात रख सकें।
कलेक्टर को आरोपितों की संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार होगा। आरोपित को ही यह साबित करना होगा कि उसने वैधानिक तरीके से संपत्ति अर्जित की है। अधिनियम के प्रविधानों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ चर्चा के बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यदि तैयारी पूरी हो जाती है तो इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र या फिर वर्ष 2022 के बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
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