जोधपुर। राजस्थान के पोकरण रेंज में पिनाक ईआर मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस प्रणाली को संयुक्त रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) व आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान ( एआरडीई), पुणे और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला पुणे की प्रयोगशालाओं द्वारा डिजाइन किया गया है।देश में पहली बार इस सिस्टम को स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के माध्यम से विकसित किया गया है।
डीआरडीओ ने सेना के साथ मिलकर पिछले तीन दिनों के दौरान फील्ड फायरिंग रेंज में इन स्वदेशी निर्मित रॉकेटों के लांचिग परीक्षणों की सीरीज आयोजित की। इन परीक्षणों में, उन्नत रेंज के पिनाक रॉकेटों का विभिन्न वार हेड क्षमताओं के साथ विभिन्न रेंजों पर परीक्षण किया गया। परीक्षण के सभी उद्देश्यों को संतोषजनक ढंग से पूरा किया गया। सटीकता और निरंतरता के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न रेंज और वारहेड क्षमताओं के लिए 24 रॉकेट दागे गए। इसके साथ, पिनाका-ईआर ( एक्सेटेंडेंड रेंज) के प्रौद्योगिकी अवशोषण का शुरुआती प्रथम चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है, इसके साथ ही ये रॉकेट प्रणाली के श्रृंखला उत्पादन के लिए तैयार है।
स्वदेशी डिजाइन और तकनीक से विकसित है पिनाक
पिनाका-ईआर पिछले पिनाका संस्करण का उन्नत संस्करण है, जो पिछले एक दशक से भारतीय सेना के साथ सेवा में है। इस प्रणाली को सीमा को बढ़ाने वाली उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसे पहली बार समर्पित स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के माध्यम से विकसित किया गया है। ये स्वदेशी रूप से विकसित फ़्यूज़ आयातित फ़्यूज़ की जगह लेंगे और विदेशी मुद्रा की बचत करेंगे। एआरडीई ने एडीएम के लिए लघु फ़्यूज़ भी डिज़ाइन किए हैं। दोहरे उद्देश्य वाली डायरेक्ट-एक्शन सेल्फ डिस्ट्रक्शन (डीएएसडी) और एंटी-टैंक मुनिशन (एटीएम) फ़्यूज़ को भी वर्तमान उड़ान परीक्षणों के दौरान जांचा गया , जिनका परिणाम संतोषप्रद रहा और उसने मिशन के सभी उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। जहां परीक्षण के दौरान टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन के साथ विकसित रॉकेटों का प्रदर्शन परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है।
SANT का भी सफल परीक्षण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायु सेना ने शनिवार को राजस्थान के पोखरण रेंज में कई परीक्षण किये. इसमें स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक (SANT) मिसाइल भी शामिल है। इसे स्वदेश में ही विकसित किया गया है और इसकी मारक क्षमता जबरदस्त है। DRDO द्वारा शेयर किये गये वीडियो में साफ दिखता है कि हेलिकॉप्टर से दागी गयी मिसाइल ने अपनी टार्गेट को कितनी सटीकता से हिट किया। इसके अलावा एरिया डिनायल म्यूनिशंस (एडीएम) और न्यू इंडीजिनस फ्यूज (नव स्वदेशी विस्फोटक) का भी सफल परीक्षण विभिन्न परीक्षण स्थलों पर किया गया।
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