स्वाईन फ्लू की रोकथाम और बचाव की सलाह
भोपाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल ने बढ़ती सर्दी के दृष्टिगत स्वाइन फ्लू की रोकथाम और बचाव के लिए उपायों को अपनाने की सलाह दी है । उन्होंने लक्षणों के बारे में बताया कि बुखार, सर्दी, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, हाथ-पैरों की उंगलियों के नाखूनों का नीला पड़ना, रक्तचाप कम होना, उल्टी-दस्त आदि होते हैं ।
बचाव के लिए उन्होंने अपील की है कि लोक भीड़भाड़ वाली जगह में न जाएं, बाहर से आने पर हाथ साबुन से धायें, खांसते एवं छिकते समय रूमाल अथवा कपड़े का इस्तेमाल करें । सर्दी-खांसी के मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाएं । स्वाईन फ्लू संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, चुम्बन आदि से स्वाईन फ्लू होता है अत: सतर्कता आवश्यक है ।
स्वाईन फ्लू बीमारी 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध, गर्भवती मातायें, इम्यूनोकोप्रोमाइजड मरीज जैसे एचआईवी, सिकल सेल एनीमिया, कैंसर, किडनी, हृदय, लीवर आदि की बीमारियों से ग्रसित मरीज, अस्थमा, मधुमेह आदि रोगों के पीड़ित व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत हैं क्योंकि ये हाई रिस्क पर होते हैं ।
सीएमओ ने उपचार के संबंध में बताया कि सभी सर्दी-खांसी के मरीजों को स्क्रीनिंग कर उनके लक्षणों के आधार पर ए,बी एवं सी, श्रेणी में विभक्त कर उपचार किया जाता है । श्रेणी ए के मरीजों को सामान्य उपचार के साथ घर में आइसोलेट रखकर 24 घंटे निगरानी एवं उपचारित किया जाता है किन्तु इन्हें औसलटामीवीर दवाई की आवश्यकता नहीं है । बी श्रेणी के मरीजों को औसल्टामीवीर दवाई के साथ घर में आइसोलेट रखकर 24 घंटे निगरानी एवं उपचारित किया जाता है जबकि श्रेणी सी के मरीजों को अस्पताल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर औसल्टामीवीर दवाई के साथ अन्य आवश्यक जीवन रक्षक औषधियां एवं उपकरणों पर रखा जाता है । साथ ही जांच हेतु मरीजों का सैम्पल लैब में भेजा जाता है ।
स्वाईन फ्ले सकारात्मक मरीज के संपर्क में आए परिजनों, परिचितों आदि को यदि सर्दी- खांसी, बुखार हो या अगले 7 दिनों में सर्दी-खांसी, बुखार हो तो उन्हें तत्काल चिकित्सक की सलाह से ओसाल्टमिविर दवाई का सेवन प्रारंभ कर देना चाहिए । स्वाईन फ्ले सकारात्मक मरीज के उपयोग में लिए गए कपड़े, चादर, तकिये, गद्दे, तौलिया आदि को तेज धूप में रखे जाने की सलाह दी गई है ।
कमरे की खिड़िकियां एवं दरवाजे जो घर के बाहर की और खुलते हों उन्हें खोल दें एवं जो घर के अंदर खुलते हैं उन्हें बंद कर दें, ए.सी.का उपयोग नहीं करें, मरीज का जूठा पानी ना पियें और ना ही साथ में बैठकर एक ही थानी में या जूठा खाना खायें । कम से कम लोग मरीज के संपर्क में रहें साथ ही मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें । स्वाईन फ्लू संक्रामक मरीज की अस्पताल में देखभाल हेतु परिवार के 2 से 3 लोग ही रोटेशन कर देखभाल करें । देखभाल के दौरान आवश्यकतानुसार मास्क, हैंड ग्ल्ब्स, पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट का उपयोग करें तथा परिवार के अन्य सदस्यों से आइसोलेट रहें । स्वाईन फ्लू मरीज की मृत्यु होने पर प्लास्टिक बेग में शव को रखकर कम से कम लोगों को इसे हाथ लगाना चाहिए साथ ही बिना किसी रीति रिवाज को निभायें तत्काल शव का दहन किया जाना चाहिए ।
स्वाईन फ्लू से बचाव हेतु इंजेक्टेबल टीका बाजार में उपलब्ध है अपने चिकित्सक की सलाह से आप इसका उपयोग भी कर सकते हैं । अधिक जानकारी के लिए 9479963540 पर व्हाट्सएप नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है ।
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