Friday, February 28, 2020

डायरी में मिले करोड़ो के लेन देन के सबूत, अदने से लेकर आला अधिकारियों और धन्ना सेठों के कोड वर्ड में लिखे हैं नाम!

  Kolar News       Friday, February 28, 2020

पिपरिया-:बनखेड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में राइस मिल-
शुगर मिलो पर 2 दिनों से इनकम टैक्स विभाग के 400 अधिकारियों ने छापा मार कार्यवाही की हैं।आय कर अधिकारियों की जांच अभी भी चल रही हैं।सूत्रों की माने तो रामदेव शुगर मिल सहित विभिन्न स्थानीय कार्यालय में करोड़ो के लेन देन के कई सबूत मिले हैं।वही छापे के दौरान मिली कई डायरियों में करोड़ो का लेन देन लिखे होने की सूचना मिल रही हैं।इन डायरियों में स्पष्ट रूप से किसी का नाम नहीं होने से आय कर टीम काफी परेशान हैं।सूत्र बताते हैं कि कई तरह के कोड वर्ड में राशियां लिखी गई हैं।जिनमें कई लोगों को तो हर महीने फिक्स रकम देने का जिक्र हैं।यह लोग विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी हो सकते हैं।जो की ग्रुप का काम सरल बनाने के लिए निश्चित रकम घूस के रूप में लेते हो।राइस मिल का काम पूरी तरह से विभिन्न मंडियों के जरिये ही होता हैं।ऐसे में मंडी के अधिकारियों-कर्मचारियों पर आय कर विभाग की शक की सुई घूम रही हैं।वही इन डायरियों में कई तरह के इन्वेस्टर के नाम भी सामने आ रहे हैं। जिनने शुगर मिल-राइस मिल चलाने के लिए ब्याज पर बड़ी रकम दी हैं।निश्चित ही यह रकम करोड़ो रूपये के काले धन के रूप में हैं।इस तरह की डायरियों में लिखे कोड वर्ड को हल करने के लिए अब आय कर विभाग हैंडराइटिंग विशेषज्ञ को बुलवा रहा हैं।जो की यह बताएगा की डायरी में किसकी लिखावट हैं।सभी मालिको सहित ग्रुप के के कर्मचारियों की लिखावट के नमूने भी लिए जा रहे हैं।फिर मिलान होने से उक्त व्यक्ति से सख्ती से पूछ ताछ की जाएगी।यदि कोड वर्ड सुलझते हैं तो उन लोगो पर भी जांच विस्तृत हो सकती हैं।जिनके नाम लिखे हैं।
इसके साथ ही साथ बनखेड़ी की बैंक में कई कर्मचारियों के नाम पर भी लॉकर होने के कागजात मिले हैं।जिनको खोलने की प्रक्रिया चल रही हैं।वही बनखेड़ी की शुगर मिल में किसानों को कई तरह की चीजें ब्याज पर फायनेंस करने के कागजात सबूत सहित मिले हैं।जिनका मिलान किया जा रहा हैं।सूत्र बताते हैं की रामदेव शुगर मिल सहित अन्य शुगर मिलों में इलाके के किसानों को ट्रेक्टर से लेकर हर छोटी-बड़ी वस्तु ब्याज पर मिल प्रबंधन की ओर से फायनेंस कर दी जाती थी।जिसका भुगतान मय ब्याज उक्त किसान की गन्ना फसल खरीद कर ले लिया जाता था।इस पूरी प्रक्रिया में काफी बड़ी मात्रा में काले धन का उपयोग होता था।वही शुगर मिलो में शक्कर का बड़ा स्टाक भी मिला हैं।जिसके वैध कागजात तलाशे जा रहे हैं।
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