मेट्रीमोनियल साइट और चैटिंग साइट्स ने आपदा को अवसर में बदला
"एडवांस फी फ्रॉड" का बिछा जाल, फ्री चैटिंग साईट "बातों ही बातों" में करा लेती है भुगतान फिर कोरोना काल में लोगों को उनके पसंद का रिश्ता दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी की जा रही है। कोरोना वायरस महामारी के कारण जहां ज्यादातर उद्योग और व्यापार भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं वहीं, मेट्रीमोनियल साइट और ग्रुप्स की कमाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। महामारी के इस दौर में इनकी मांग और भी बढ़ गई है। दरअसल कोविड-19 के कारण लोग मिलने के बजाए वर्चुअल मीडियम का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके चलते मेट्रीमोनियल साइट का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। लेकिन इस आपदा काल को कई फर्जी ग्रुप्स और चैंटिंग वेबसाइट्स ने अवसर बना लिया है। ऐसे में कहीं आप भी इन फर्जी ठगों का शिकार न हो जाए इसलिए आपको यह खबर पूरी पढ़नी चाहिए।
मीडिया खबरों के अनुसार गुरुग्राम की रहने वाली ममता अग्रवाल अपनी बेटी के लिए रिश्ते की तलाश कर रही थीं। इस दौरान एक दिन उन्हें गौरी नाम की एक लड़की का फोन आया। खुद को मेट्रीमोनियल ग्रप का हिस्सा बताने वाली गौरी ने ममता को उनकी बेटी के लिए Whatsapp पर कई लड़कों के फोटोज भेजे। ममता को कुछ लड़के पसंद भी आए। इसके बाद जब ममता ने गौरी से लड़कों से बात कराने के लिए कहा तो गौरी ने उनसे पैसे की मांग की। ममता ने कहा कि एक बार वो लड़कों से कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात करा दे फिर वो पेमेंट कर देंगी, लेकिन गौरी ने मना कर दिया। इसके बाद जैसी ही ममता ने 3,500 रुपये का भुगतान किया लड़की ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया।
दिल्ली की रहने वाली प्रिया गुप्ता ने बताया कि उन्हें पिछले काफी समय से फर्जी मेट्रीमोनियल ग्रुप्स की तरफ से फोन आ रहे थे। इन ग्रुप्स की तरफ से उन्हें लड़कों की फेसबुक प्रोफाइल दिखाई गई। इन ग्रुप्स ने लड़कों के परिवार से बात कराने के लिए उनसे पैसों की मांग की। प्रिया ने जब पेमेंट कर दिया तो मेट्रीमोनियल ग्रुप की तरफ से नंबर दिए गए, लेकिन बाद में ये सभी नंबर फर्जी निकले।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के अनुसार ऐसे केस को 'एडवांस फी फ्रॉड' कहा जाता है। यानी जहां लोगों से वादे कर के पैसे लिए जाते हैं, लेकिन पेमेंट होने के बाद उन्हें पूरा नहीं किया जाता। यह गैरकानूनी काम है।
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