पिछले कई दिनों से भारत में कोरोना के 3 लाख से ज़्यादा मामले रोज़ाना आ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में तीन लाख 68 हज़ार से ज़्यादा नए केस आए हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि रिकवरी रेट लगभग 82 फ़ीसदी हो चुका है।
मरीज़ों और उनके परिवार वालों को पेश आ रही तमाम दिक़्क़तों के साथ साथ एक और तबका है जिन्हें रोज़ाना संघर्ष करना पड़ रहा है लेकिन उनपर ज़्यादा लोगों का ध्यान शायद नहीं जा रहा है।
और वो हैं तमाम डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ़, जिन्हें लगातार कई कई घंटों तक काम भी करना पड़ रहा है और गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों की हालत देखकर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
देश में कोरोना के कहर के बीच ऑक्सीजन व अस्पतालों की कमी से बिगड़े हालातों तथा लगातार इनके अभाव में मरीजों की मौत ने बवाल मचा रखा है। ऐसे दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल के मेडिकल डॉयरेक्टर डॉ एलसीएल गुप्ता का यह बयान सामने आया है कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी है, मरीज मर रहे है क्योंकि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है। कोरोना का इलाज करने के लिए आपको ऑक्सीजन, दवाई और टीकाकरण की आवश्यकता होती है, मगर कुछ भी उपलब्ध नहीं है। सरकार कहती है कि हमारे देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन मरीज मर रहे हैं, न्यायपालिका या कार्यपालिका मुझे नहीं पता कि यह देश कौन चला रहा है। गुप्ता ने कहा है कि पिछले 14 महीनों में सरकार क्या कर रही थी? किसी ने कुछ नहीं सीखा।
इस बीच एम्स दिल्ली के मेडिकल स्टाफ का वायरल विडियो डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ सेवा में लगे साथियों में जोश और उत्साह लाने के लिए प्रयास करता नजर आ रहा है। स्वास्थ सेवा सैनिक आशीष भार्गव का कहना है जोश से जोश जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो। कोविड वार्ड में नौकरी करना आसान नहीं है हमें उत्साह व सावधानी के साथ लगातार सेवा करना ही है।
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