सतना, । बुधवार को कश्मीर के शोपियां जिले में आंतकियों से लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए सतना के वीर सपूत कर्णवीर सिंह राजपूत का पार्थिव देह शुक्रवार सुबह आठ बजे सैन्य वाहन से सतना जिले में प्रवेश कर गया है। प्रयाग (इलाहाबाद) में सेना द्वारा श्रद्धांजलि के बाद फूलों से सजे सेना के वाहन में बलिदानी कर्णवीर का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सतना लाया गया है जहां उनके गृहग्राम दलदल (छिबौरा) में उन्हें पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे किया जाएगा। इस दौरान जबलपुर से सेना की एक विशेष टुकड़ी सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदा देने दलदल गांव पहुंच चुकी है। बलिदानी कर्णवीर के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सतना पहुंच रहे हैं। जहां सतना हवाई पट्टी में विमान से उतरने के बाद हैलीकाप्टर द्वारा वे सीधे रामपुर बाघेलान तहसील के दलदल गांव जाएंगे। वीर गति को पाने वाले 24 वर्ष के कर्णवीर सिंह के एक कंधे में और दूसरी गोली सिर पर लगी है। वे 22 राजपूत रेजिमेंट 44 आरआर के जवान थे जो कि शोपियां में पदस्थ थे। उनके गांव में स्थित निवास और क्षेत्र में सभी ओर मातम छाया हुआ है और हर कोई इस बलिदानी को याद कर रहा है। स्वजन नम आंखों से देश के प्रति अपने 24 साल के लाडले के बलिदान को याद कर गर्व भी महसूस कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश के दुश्मनों के प्रति उनके मन मे आक्रोश भी है।
चार वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए कर्णवीर सिंह राजपूत के पिता रवि कुमार भी 22वीं राजपूत रेजीमेंट में पदस्थ थे जो कि 2017 में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। आज गांव में उनके घर मे रिश्तेदारों की भीड़ पहुंच रही है। वहीं गांव के युवा कर्णवीर सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि कर्णवीर के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से हवाई मार्ग द्वरा कल शाम प्रयागराज लाया गया जहां से सड़क मार्ग से सतना लाया गया है। गुरुवार को जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी रामपुर बाघेलान के दलदल गांव पहुंचे और उनके पैतृक निवास जाकर अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्थाओं का जाएजा लिया। इसके साथ ही जिले के सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों का भी उनके ग्राम में पहुंचा जारी है।
कश्मीर घाटी के आतंक प्रभावित शोपियां के चीरबाग द्रगाड़ इलाके में आतंकियों के खिलाफ चल रहे आपरेशन के दौरान बुधवार की सुबह साढ़े आठ बजे सेना और आतंकियों के बीच उस वक्त एनकाउंटर हुआ जब एक संदिग्ध कार ने सेना के फिक्स पिकेट को पार करने की कोशिश की। कार को रोकने पर उसमें सवार आतंकियों ने फायर कर दिए। सैन्य जवानों ने मोर्चा संभाला और दो आतंकी ढेर कर दिए। जवाबी हमले में कर्णवीर सिंह राजपूत समेत दो अन्य जवान घायल हो गए। गंभीर रुप से घायल कर्णवीर उपचार के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए।
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