ऑनलाइन कार्ड लेनदेन के संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देश 1 जनवरी 2022 से लागू होंगे। इस दिन से ई-कॉमर्स और ऑनलाइन डिलीवरी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर कार्ड की जानकारी को सेव नहीं कर पाएंगे। आरबीआई ने कहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भुगतान के लिए ग्राहकों को हर बार डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स दर्ज करनी होगी। हालांकि कुछ कस्टमर्स इस परेशानी से बच सकते हैं। वह अपने कार्ड को टोकन देने के लिए एप को सहमति प्रदान करने का विकल्प चुन सकते हैं।
बता दें कि आरबीआई ने मार्च 2020 में दिशानिर्देश जारी किए थे, जो सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्राहकों के कार्ड के विवरण को सेव करने से प्रतिबंधित करते थे। वहीं सितंबर में रिजर्व बैंक ने सेफ्टी और सिक्योरिटी में सुधार लाने के लिए कार्ड टोकर सेवाओं पर दिशानिर्देशों को बढ़ाया था। बैंक ने कहा था कि कार्ड डेटा का टोकन ग्राहक सहमति के साथ किया जाएगा। जिसके लिए अतिरिक्त फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन की जरूरत होगी।
क्रेडिट-डेबिट कार्ड लेनेदेन के नए नियम पर अहम बातें
1. एक जनवरी 2022 से ग्राहक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सेव नहीं कर पाएंगे।
2. कोई भी ऑनलाइन लेनदेन करते समय कार्ड की डिटेल्स दर्ज करनी होगी।
3. ग्राहक ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने कार्ड को टोकन करने की सहमति दे सकता है।
4. ई-कॉमर्स कंपनियां एन्क्रिप्टेड विवरण मिलने के बाद ग्राहक के लेनदेन के लिए कार्ड को सहेज सकते हैं।
5. फिलहाल अधिकांश ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सिर्फ मास्टरकार्ड और वीजा कार्डों को टोकन किया जा सकता है।
6. रिजर्व बैंक ने अपने नए दिशानिर्देशों में कहा कि क्रेडिट और डेबिट कार्ड दोनों के लिए मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए।
7. आरबीआई ने कहा कि नए दिशानिर्देश अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर लागू नहीं हैं, बल्कि केवल घरेलू कार्ड और ट्रांजेक्शन के लिए लागू हैं।
8. कार्ड के टोकन के लिए ग्राहकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
9. आरबीआई ने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ग्राहकों को आसानी से पहचानने के लिए टोकन वाले कार्ड के अंतिम चार अंक दिखाएंगे।
10. सभी लेनदेन के लिए कार्डों का टोकन अनिवार्य नहीं है।
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