भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के अधिकारियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा कि अगले दो साल में जमीनी स्तर पर काम दिखाई देने चाहिए। मुझे परिणाम चाहिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आयोग प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से कम समय में पूरी होने वाली योजनाए बनाए, नीति तय करे और उनका प्रभावी क्रियान्वयन कर जल्द परिणाम दे। सर्वोच्च प्राथमिकता के कुछ कार्यक्रम व योजनाएं तय कर उनके लक्ष्य तय करें। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष प्रो सचिन चतुर्वेदी, वित्त एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्त करने के लिए विभागों की कार्ययोजना, रणनीति, समय सीमा पेश करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारिता आंदोलन, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण, महिला नीति, सतत पर्यटन और मत्स्य निर्यात की दिशा में प्रभावी प्रयासों से लोगों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसलिए इन पर विशेष ध्यान दें। गतिविधियों में सफल होने के लिए राज्य स्तर से लेकर जनप्रतिनिधि, दीनदयाल अंत्योदय समिति, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तक की जिम्मेदारी एवं समय सीमा तय की जाए और मासिक आधार पर इनकी समीक्षा हो।
आकांक्षी विकासखंडों की जिम्मेदारी अधिकारियों को
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रत्येक आकांक्षी विकासखंड की जिम्मेदारी एक-एक अधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे तय लक्ष्य समय सीमा में पूरा करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने योजनाओं और अधोसंरचना विकास से संबंधित गतिविधियों का थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराने पर विचार करने की जरूरत बताई।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा ...
- आयोग को विचार करना चाहिए कि मध्य प्रदेश देश की फाइव ट्रिलियन इकोनामी और सौर ऊर्जा में राष्ट्रीय स्तर पर कितना योगदान दे सकता है।
- आयोग को जन साधारण से जोड़ना जरूरी है।
- नीति निर्माण के लिए हितग्राहियों का फीडबैक, कार्यक्रमों और योजनाओं से जुड़े सभी समूहों से परामर्श लेना जरूरी।
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