आज रुसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) भारत के दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात हुई और उन्होंने 21वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर सहमति बनेगी। राष्ट्रपति पुतिन इस मुलाकात के कुछ ही घंटों के बाद आज ही वापस रुस लौट जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शाम साढ़े पांच बजे शिखर वार्ता शुरू करेंगे और रूसी नेता रात साढ़े नौ बजे दिल्ली से उड़ान भरेंगे। समझौतों के बिन्दुओं पर चर्चा के लिए रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगुए पहले ही भारत पहुंच चुके हैं। सोमवार को उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की। आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन बेहद कम यात्राएं करते हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर पुतिन की यह यात्रा मात्र औपचारिकता नहीं है।
शिखर वार्ता : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्या कहा?
- मुझे भारत का दौरा करके बहुत खुशी हो रही है। पिछले साल दोनों देशों के बीच ट्रेड में 17% की गिरावट हुई थी, परन्तु इस साल पहले 9 महीनों में ट्रेड में 38% की बढ़ोतरी देखी गई है।
- हम सहयोगी हैं और बहुत महत्वपूर्ण चीजों पर साथ काम कर रहे हैं जिसमें ऊर्जा क्षेत्र, अंतरिक्ष सहित उच्च तकनीक शामिल हैं।
- आज हमने यहां जिन प्रोग्राम पर बात की है, उन्हें पूरी तरह से लागू किया जाएगा, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग शामिल है।
- हम भारत को एक महान शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और वक्त पर काम आनेवाले दोस्त के रुप में देखते हैं। दोनों देशों के बीच रिश्ता लगातार प्रगाढ़ हो रहा है और मैं भविष्य में भी इसके जारी रहने की उम्मीद करता हूं।
शिखर वार्ता : पीएम नरेन्द्र मोदी ने क्या कहा?
- कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सामरिक भागीदारी में कोई बदलाव नहीं आया है। कोविड के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच सहयोग रहा है।
- 2021 हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष हमारे 1971 की ट्रीटी ऑफ पीस, फ्रेंडशिप एंड कोऑपरेशन के पांच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी के 2 दशक पूरे हो रहे हैं।
- आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम एक दीर्घकालिक दृष्टि अपना रहे हैं। हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है।
- आज हमारे बीच हुए विभिन्न समझौतों से इसमें मदद मिलेगी। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत कोर डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन से हमारा रक्षा सहयोग और मज़बूत हो रहा है।
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