भारत ने ओडिशा के बालासोर तट पर स्वदेश निर्मित सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। DRDO ने इसकी जानकारी दी। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित ठोस-ईंधन वाली यह मिसाइल, भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के पृथ्वी डिफेंस वेहिकल पर आधारित है, जो 150 से 500 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकता है। ‘प्रलय’ कम दूरी वाली सतह से सतह पर मार करने में सक्षम मिसाइल है, जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है। ये एक एडवांस मिसाइल है, जो दुश्मन देश द्वारा छोड़ गये इंटरसेप्टर मिसाइल को भी चकमा दे सकता है। ये एक निश्चित दूरी के बाद अपना मार्ग बदलने में भी सक्षम है। DRDO के मुताबिक एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित इस मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया है।
साल 2015 से ही इस मिसाइल पर काम चल रहा था। DRDO की वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय, चीन की बैलिस्टिक मिसाइलों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है। इसे जमीन के साथ-साथ कन्सटर से भी दागा जा सकता है। मिसाइल इस तरह से बनाई गई है, जिससे यह अन्य कम दूरी वाली मिसाइलों की तुलना में कहीं अधिक घातक है।
इस सफलता के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने डीआरडीओ और उससे जुड़ी टीम को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है, ‘पहले विकास फ्लाइट ट्रायल के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई। सतह से सतह पर मार करने वाली आधुनिक अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल के तेजी से विकास और सफल प्रक्षेपण के लिए मैं उनकी सराहना करता हूं। यह ऐसा महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसे आज हासिल किया गया है।’
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