Thursday, December 9, 2021

शिवसेना के संजय राउत ने UPA में शामिल होने के दिए संकेत

  Anonymous       Thursday, December 9, 2021

नई दिल्ली : शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि उन्होंने एक बैठक में राहुल गांधी से कहा था कि उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए को कांग्रेस के नेतृत्व में पुनर्जीवित करना चाहिए। उन्होंने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। आपको बता दें कि 2004-14 के बीच देश की सत्ता पर इस गठबंधन ने शासन किया।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस में न तो क्षमता है और न ही उसका नेतृत्व विपक्ष का दिल बन सकता है। उन्होंने कहा था कि कोई यूपीए नहीं है। उन्होंने यह बात एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में कही थी। शिवसेना ने इसका विरोध किया है।भगवा पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के बिना कोई विपक्षी मोर्चा नहीं हो सकता।


संजय राउत ने कहा कि वह राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक में एक कदम और आगे बढ़े, उनसे यूपीए को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया।उन्होंने यह भी संकेत दिया कि शिवसेना इसमें शामिल हो सकती है। शिवसेना 3 सदस्यीय गठबंधन सरकार का हिस्सा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रही है। शिवसेना सांसद ने कहा, "हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में एक मिनी-यूपीए चला रहे हैं। इसलिए हमें केंद्रीय स्तर पर भी इसी तरह की व्यवस्था करनी चाहिए।" यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना यूपीए में शामिल होगी, उन्होंने कहा, "मैंने राहुल गांधी से कहा - सभी को आमंत्रित करें। लोग आकर शामिल नहीं होंगे। शादी या समारोह में भी हमें निमंत्रण भेजना होता है।" उन्होंने कहा, 'आमंत्रण आने दीजिए, उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे। मैंने यह बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बता दी है।'

शिवसेना नेता ने राहुल गांधी की भी प्रशंसा करते हुए कहा, "जिस तरह से लोग उनके (राहुल) के बारे में सोचते हैं वह सही नहीं है। वह भी अच्छा सोचते हैं। उनकी पार्टी में कुछ कमियां (मजबूरियां) हैं। वह उन मुद्दों को हल करना चाहते हैं।" ममता बनर्जी ने कुछ दिनों पहले राहुल गांधी की स्पष्ट रूप से आलोचना करते हुए कहा था, "यदि कोई कुछ नहीं करता हो और आधा समय विदेश में रहता हो, तो कोई राजनीति कैसे करेगा? राजनीति के लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए।" हिंदुत्व से जुड़ी भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के इस कट्टर-कांग्रेसी रुख ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को हैरान कर दिया है। दोनों पार्टियों के बीच तीखे वैचारिक मतभेदों को देखते हुए एक समय पर संदेह पैदा किया था कि क्या वे वास्तव में एक साथ काम कर सकते हैं।

उन्होंने इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राहुल गांधी तक उनकी सीधी पहुंच ने एनसीपी नेता शरद पवार को अस्थिर कर दिया है, जिन्होंने लंबे समय से महाराष्ट्र में साथ मिलकर शासन करने वाली तीन पार्टियों के बीच वार्ताकार के रूप में काम किया है। उन्होंने कहा, "जब मैं राहुल से मिलने जा रहा था, उससे पहले मैंने पवार साहब से बात की थी।"


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