Saturday, May 22, 2021

बकस्वाहा के जंगल को बचाने के लिए बुंदेलखंड के सपूत सचिन चौधरी ने उठाया बीड़ा

  Kolar News       Saturday, May 22, 2021

 


देशभर से मिल रहा समर्थन, जिम्मेदारों ने मुंह मे जमाया दही


हृदेश धारवार/9755990990


भोपाल। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर बुंदेलखंड इन दिनों खून के आंसू रोने को मजबूर है। दरअसल सरकार ने बुंदेलखंड की धरती पर लहलहाता प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बकस्वाहा के जंगल को तबाह करने की तैयारी कर ली है। सरकार ने अपना खजाना भरने और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए जंगल का सौदा कर लिया है। बकस्वाहा के जंगल को बचाने के लिए देश के कई पर्यावरण विशेषज्ञों के सहयोग से एक आंदोलन खड़ा हो गया है .. इसी आंदोलन को धार दी है बुंदेलखंड की माटी में जन्मे युवा पत्रकार व बुंदेली बौछार के संपादक सचिन चौधरी ने..इन्होंने अपने डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म  बुंदेली बौछार और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये एक मुहिम छेड़ दी है। उनकी इस मुहिम को देशभर से समर्थन मिल रहा है । लेकिन प्रदेश के जिम्मेदार इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर सभी जिम्मेदारों ने मुंह मे दही जमा लिया है ।





बता दें कि बकस्वाहा के जंगल से हीरा निकालने के लिए 2.15 लाख पेड़ काटे जाने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। बकस्वाहा के जंगल में 3.42 करोड़ कैरेट के हीरे 2.15 लाख से ज्यादा पेड़ काटकर निकाले जाएंगे। बकस्वाहा क्षेत्र में जहां पर सबसे अधिक हीरे हैं, वहां पर घना जंगल है। यहां नाले के दोनों ओर सागौन, अर्जुन, शीशम, जामुन, बेल, पीपल, तेंदू, बहेरा सहित अन्य औषधीय व जीवन उपयोगी पेड़ हैं। सचिन चौधरी ने बताया कि  हीरा खनन के लिए लगभग 2.15 लाख पेड़ काटे जाने हैं, इनमें करीब 40 हजार पेड़ सागौन के हैं। अर्जुन के पेड़ भी करीब 10 से 12 हजार हैं। यहां 382.131 हेक्टेयर जमीन में घना जंगल है। इस जंगल में कई विलुप्त प्रजाति के जानवर भी मिलते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्यस में वन्यजीव भी  यहां पर रहते हैं। जिसमें बारहसिंगा, लोमड़ी, बंदर, काले मुंह के बंदर, चिंकारा, मोर, गिलहरी, लकड़बग्घा, जंगली कुत्ते बड़ी संख्या में हैं। जंगल काटे जाने से इनका जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा।


जानकारी के मुताबिक बकस्वाहा के बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में हीरा बड़ी मात्रा में है, यह रियो-टिंटो कंपनी द्वारा किए गए सर्वे प्रोजेक्ट में स्पष्ट हो चुका है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार बकस्वाहा में जो जमीन 50 साल के लिए आदित्य बिड़ला ग्रुप को लीज पर दी जा रही है, इसमें 3.42 करोड़ कैरेट हीरा है। इन्हें ही निकालने के लिए यहां का जंगल खत्म किया जाएगा । जिसके विरोध में देशभर में मुहिम चलाई जा रही है। एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन वृक्षारोपण कर रहे हैं,वहीं उन्हीं की सरकार में जंगल को तबाह करने की रणनीति तैयार की जा रही है।

#बकस्वाहा_का_जंगल_बचाओ

#STOP cutting 2​.​15 lakh Trees, #Forest will be cut in #Bakswaha, #Chattarpur M​.​P for #mining


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